What is the meaning of Vinaash kaale vipreet buddhi -हमारा देश भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है जिनमें से हिन्दू सनातन धर्म की संस्कृति यहाँ सबसे पुरानी है | आज भी हमारे देश में हिन्दू धर्म की पुस्तकों जैसे कि वेद, पुराण, उपनिष्द आदि का अध्ययन किया जाता है| केवल मंदिरों में ही नहीं बल्कि कईं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शास्त्रों में बताए गए श्लोंकों का प्रयोग किया जाता है| बहुत से ऐसे विद्वान महापुरुष हमारी संस्कृति में गुज़रे हैं कि आज भी उनके द्वारा लिखी गयी किताबों का लोग अध्ययन करते हैं, जिनमें से चाणक्य भी एक हैं| चाणक्य एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और अध्यापक थे| मौर्य साम्राज्य की स्थापना में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान था| उन्हीं के द्वारा लिखे गए शास्त्र – अर्थशास्त्र के सोलहवें अध्याय में उन्होंने इस मुहावरे का प्रयोग किया है – “ विनाश काले विपरीत बुद्धि” | 

अब तक तो हमने इस मुहावरे की पृष्ठभूमि के विषय में बात की चलिए अब हम चर्चा करते हैं इसके अर्थ के  विषय में| विनाश काले विपरीत बुद्धि का अर्थ नकारात्मक रूप से लिया जाता है| इस मुहावरे का अर्थ है जब कभी कोई व्यक्ति विपरीत परिस्थति में फंस जाए और उस परिस्थिति से निकले के स्थान पर वह व्यक्ति उसमें और अधिक फंसता चला जाए, उसका विनाश निकट नज़र आने लगे तथा उसकी बुद्धि भ्र्ष्ट हो जाए | 

विनाश काले विपरीत बुद्धि का प्रयोग कब, कहाँ और किसके लिए किया जाता है?

क्योंकि विनाश एक नकारात्मक शब्द है इसलिए इसी आधार पर विनाश काले विपरीत बुद्धि का प्रयोग भी बुरे लोगों के लिए ही किया जाना उचित है| ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनसे किसी व्यक्ति का विनाश होता है और उसका कारण कोई और नहीं बल्कि स्वयं मनुष्य के ही कर्म होते हैं| बुरी आदतों, बुरी संगत और मुख्य रूप से अहंकार के कारण भी विनाश के समय बुद्धि सही निर्णय करने में सक्षम नहीं हो पाती| रावण इस मुहावरे के प्रयोग का सबसे सटीक उदाहरण हो सकता है| शिव जी का भक्त होने पर भी अपने कर्मों और अहंकार के कारण विनाश के समय वह सत्य और असत्य में अंतर को नहीं समझ पाया और श्री राम जी के हाथों उसका विनाश हो गया| हाल ही में    विनाश शब्द का विलोम शब्द सृजन है| 

विनाश काले विपरीत बुद्धि  पर आधारित 5 वाक्य

विनाश काले विपरीत बुद्धि वाले लोग आवश्यक निर्णयों में गलतियाँ करते हैं।

उनका विनाश काले विपरीत बुद्धि की वजह से उनका प्रोजेक्ट संपूर्णता से नहीं हुआ।

रावण के वध का एक महत्वपूर्ण कारण विनाश काले विपरीत बुद्धि है।

उनका विनाश काले विपरीत बुद्धि उन्हें सही निर्णय लेने में बाधा डालती है।

विनाश काले विपरीत बुद्धि के बजाय, सही समय पर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।

विनाश काले विपरीत बुद्धि  के 5 समानार्थक वाक्यांश

अंतिम समय में भ्रष्ट मनस्थिति

विनाशकारी समय में उलटी विचारधारा

अंतिम क्षणों में विपरीत सोच

विनाशकालीन अवस्था में गड़बड़ बुद्धि

अंतिम क्षणों में उलटी बातचीत

Vinaash Kaale Vipreet Buddhi से सम्बंधित यूट्यूब लिंक –

FAQ’s for Vinaash kaale vipreet buddhi 

विनाश काले विपरीत बुद्धि का क्या मतलब है ?

इसका मतलब होता है कि जब किसी व्यक्ति के  विनाश का समय आता है तो उसकी बुद्धि भ्र्ष्ट हो जाती है| 

विनाश काले विपरीत बुद्धि का प्रयोग कब किया जाता है ?

जब किसी व्यक्ति के विषय में ऐसा प्रतीत हो कि बुद्धि भ्र्ष्ट होने के कारण वह सही निर्णय नहीं ले पा रहा है और उसका विनाश निश्चित है| उस व्यक्ति के लिए इस वाक्यांश का प्रयोग किया जा सकता है| 

क्या विनाश काले विपरीत बुद्धि वाक्यांश का प्रयोग किसी भी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है?

नहीं, क्योंकि यह एक नकारात्मक वाक्यांश है इसलिए इसका प्रयोग भी बुरे या दुराचारी लोगों के लिए ही किया जाना उचित है| 

विनाश काले विपरीत बुद्धि का पूरा श्लोक क्या है ? 

।। न निर्मिता केन न दृष्ट्पूर्वा न श्रूयते हेममयी कुर्ङ्गी। ।।

।। ।तथाऽपि तृष्णा रघुनन्दनस्य विनाशकाले विपरीतबुद्धिः। ।।

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